भाजपा की सुशासन गरीबों के लिए “कुशासन” अपनी ही ज़मीन के लिए सालों से दर – दर भटक रही बुजुर्ग महिला ।

कांकेर/ अरुण कुमार रावत… कांकेर जिला के अंतागढ़ में एक गरीब महिला के जमीन पर रसूखदारों के द्वारा कब्जा करने का मामला सामने आया है, दो बुजुर्ग महिलाओं ने राजस्व अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाते – लगाते थक चुकी हैं लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया गया, प्रशासन और जनप्रतिनिधि रसूखदारों पर इतना मेहरबान है कि गरीब महिला को न्याय नहीं दिल पा रहे हैं,अंतागढ़ की रहने वाली जेठी बाई पिता स्व. ईतवारी राम के मृत्यु के पश्चात जेठी बाई के द्वारा विगत 70- 80 वर्षों से वार्ड नं. 07 में कब्जा कर उक्त भूमि में कपड़ा स्त्री करने का काम करती है । इस मामला को लेकर सन 1997- 98 में नारायणपुर एसडीएम न्यायालय में प्रकरण चल चुका है उस प्रकरण में भूमि 0.06 उल्लेखित है उक्त में जेठी बाई ने भूमि का सीमांकन करवाना चाहती है पर राजस्व विभाग से किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है । उक्त भूमि में इतवारीराम के मृत्यु पश्चात जेठी बाई और उनकी विगलांग बहन पिछले 60-70 वर्षों से झोपड़ी बनाकर रह रहे है व अपना जीवन यापन कर रहे है तत्कालीन सरपंच को नारायणपुर एसडीएम के द्वारा जेठीबाई को पाँच डिससील का पटटा प्रदान करने हेतु आदेशित किया गया था पर सरपंच के द्वारा जेठीबाई को पटटा नहीं दिया गया । जेठी बाई ने कहा कि आज जब मैं गरीब महिला अपने जमीन के हक के लिए दर दर भटक रही हूँ तब मुझे ज्ञात होता है कि उक्त भूमि खसरा नं 918 में मात्र 0.001 भूमि दर्शाया जा रहा है इसके पूर्व में भी मैं कई जनप्रतिनिधियो के पास अपने बात को रख चुकी हूँ पर किसी ने उचित कार्यवाही नही किया।

एक गरीब महिला ने अपनी मूल कब्जे की जमीन पर न्याय मिलता ना देखते हुए उनसे कम ढाई डिसमिल जगह की ही मांग करते-करते थक चुके हैं सुशासन की ढोंग हांकने वाली भाजपा सरकार के सांसद विधायक के गृह नगर पंचायत अंतागढ़ में ही एक गरीब विकलांग महिला इतनी दयनीय स्थित है कि वह अपने दो वक्त के रोटी के लिए भी दर-दर भटकने को मजबूर है न्याय के लिए न्यायालय के चक्कर काटते काटते दो महिलाओं की आर्थिक स्थिति इतनी भी नही है कि वह कोर्ट में अपने वकीलों के फीस दे सके ।
अब बात करते हैं अंतागढ़ की उन जनप्रतिनिधियों का जिन्होंने सत्ता में आने से पहले हर वर्ग और दीन दुखियों की सहयोग की बात बड़ी जोरों से की पर चुनाव जीतने ही गिरगिट की तरह रंग बदल गई और भगवान भरोसे जनता की तकलीफों जनता पर ही छोड़े दिया गया अब बात करते है वर्तमान के विधायक विक्रम देव उसेंडी की पूर्व में दो बार विधायक सांसद और वन मंत्री तक रह चुके हैं विधायक साहब के दरवाजे खटखटाते खटखटाते दो गरीब महिला आज लाचारी की स्थिति में है लेकिन विधायक साहब सुनेगे नहीं । पूर्व में कांग्रेस सरकार रही और अंतागढ़ में कांग्रेस के विधायक रहे अनुप नाग के दरवाजा भी खटखटाया गया लेकिन वहां भी इन दीन दुखियों को बेरंग लौटना पड़ा था आज डबल इंजन की सरकार है और अंतागढ़ में ही कांकेर लोकसभा के सांसद
भोजराज नाग निवासरत है भोजराज नाग सोशल मीडिया में ताबड़तोड़ अंदाज में काम करते दिखते और जम कर वायरल भी होते हैं पर उन्हीं के गृह नगर में दो गरीब महिलाएं न्याय के लिए दर दर भटक रही हैं और जनप्रतिनिधि रसूखदारों के धौंस के आगे बेबस है तभी तो अंतागढ़ के रसूखदारों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करा पा रहे हैं शासन प्रशासन की इन रसूखदारों पर इतना मेहरबान है कि किसी दिन दुखियों की दर्द तक दिखाई नहीं दे रही है क्या यही हैं भाजपा की सुशासन सरकार ।

