छत्तीसगढ़

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 2 दिवसीय ‘नगर सुराज संगम’ कार्यशाला का किया शुभारंभ, प्रदेशभर से पहुंचे जनप्रतिनिधियों को किया संबोधित, सफाई में इंदौर मॉडल को अपनाने पर दिया ज़ोर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने राजधानी रायपुर के होटल बेबीलोन इंटरनेशनल में ‘नगर सुराज संगम’ कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय कार्यशाला प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ आगामी 5 वर्षों की शहरी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित की गई है।

कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान अरुण साव ने इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा, “इंदौर अगर सफाई में आगे हो सकता है, तो छत्तीसगढ़ के नगर निगम भी आगे बढ़ सकते हैं। बस जरूरत है संकल्प और समर्पण की।” उन्होंने 14 नगर निगमों को “छत्तीसगढ़ के 14 रत्न” बताते हुए विश्वास जताया कि अगले पांच वर्षों में ये शहर देश-विदेश में पहचान बनाएंगे।

योजनाओं की सफलता के लिए जनता से जुड़ाव आवश्यक: अरुण साव

अपने संबोधन में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि “बड़े भवन बनाना ही विकास नहीं, बल्कि योजनाओं की उपयोगिता तब सिद्ध होती है जब वे जनता की वास्तविक जरूरतों पर आधारित हों।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों को याद दिलाया कि जनता ने उन्हें भरोसे और उम्मीद के साथ चुना है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वे शहर की हर गली, व्यक्ति और समस्या से जुड़ें।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “नगर सुराज का उद्देश्य योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित रखना नहीं है, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारना है।” उन्होंने प्रातः भ्रमण, मोहल्लों में संवाद और नागरिकों से जुड़कर योजनाएं तैयार करने की सलाह दी।

जल संकट और पर्यावरण संरक्षण पर चिंता

अरुण साव ने जल संकट और पर्यावरण संरक्षण को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि “जल स्तर का गिरना गंभीर विषय है और वर्षा जल संचयन योजनाओं में जनभागीदारी अनिवार्य है।” उन्होंने पुराने कुओं और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन की बात कही और बताया कि प्रत्येक मोहल्ले में जल टैंक व सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि हर घर तक नलजल की सुविधा पहुँचे।

उन्होंने शहरी मानसून तैयारियों, जलभराव से निपटने की रणनीति, और पीएम आवास योजना को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि “गरीबों को घर देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

जवाबदेही और सेवा भावना की आवश्यकता

डिप्टी सीएम ने जनप्रतिनिधियों को आह्वान किया कि वे नगर निगमों को जवाबदेह बनाएं और आम नागरिकों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने सुझाव दिया कि नागरिक जुड़ाव अभियान चलाया जाए, ताकि हर व्यक्ति से सीधा संवाद स्थापित हो सके। उन्होंने कहा, “जब जनता उम्मीद भरी निगाहों से देख रही हो, तब सेवा और संकल्प के साथ जवाबदेही निभाना आवश्यक है।”

“अब उस शहर को कुछ लौटाने का समय है”

अरुण साव ने जनप्रतिनिधियों कहा, “यह जिम्मेदारी सिर्फ पद की नहीं, बल्कि जनविश्वास की है। जनता ने परखा है, जांचा है, तब आप पर भरोसा किया है।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों से ऐसी मिसाल बनाएं जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखें। उन्होंने कहा, “महापौर या सभापति बनना मंजिल नहीं, यह तो सिर्फ एक पड़ाव है। आपके फैसले आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेंगे।”

गौरतलब है कि कार्यशाला के पहले दिन सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, आयुक्त एवं वरिष्ठ अभियंता उपस्थित रहे। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग एवं SUDA की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर आमंत्रित किया था।

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